धनबाद : झारखंड में अवैध कोयला खनन का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि धनबाद जिले में अवैध खदान धंसने से आठ मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 8–10 मजदूर अब भी लापता हैं। घटना को लेकर झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मरांडी ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “सरकार के संरक्षण में चल रहे अवैध कोयला खनन ने आठ निर्दोष मजदूरों की जान ले ली है। इनमें से अधिकांश मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं। अब खनन माफियाओं के दलाल उनके परिजनों को पैसे देकर चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इस गोरखधंधे में पुलिस, स्थानीय और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं, जो दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय लाशें गायब कराने और पीड़ित परिवारों को दबाने में लगे हैं। मरांडी ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “लाशों पर कमाई करने की होड़ में झारखंड कितना नीचे गिरेगा, कहना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि जनता सब कुछ देख रही है और समझ रही है। पाप का घड़ा भर रहा है, जब फूटेगा तो सबको अपने कर्मों का हिसाब देना होगा।”
इस घटना ने राज्य में अवैध खनन को लेकर प्रशासन की भूमिका पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन की गतिविधियां लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन प्रभावशाली लोगों के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती।
बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं और राज्य के प्रमुख आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं। वे झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के संस्थापक भी रहे हैं, जिसे बाद में भाजपा में विलय कर दिया गया।

