हजारीबाग (झारखंड): हजारीबाग सेंट्रल जेल में अनियमितताओं और कैदियों से मिलीभगत के आरोप में बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया गया है। जेलर और पांच वार्डनों को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है, जबकि अनुबंध पर काम कर रहे छह पूर्व सैनिक वार्डनों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि जेल महानिरीक्षक (आईजी) सुदर्शन मंडल ने जांच के बाद यह कार्रवाई की है।
कैदियों से मिलीभगत का आरोप
सूत्रों के अनुसार, निलंबित अधिकारियों पर कुछ कैदियों—खासकर खासमहल भूमि घोटाले के आरोपी विनय कुमार सिंह—को विशेष सुविधाएं देने का आरोप है। बताया गया कि जेल के अंदर उन्हें कुछ विशेषाधिकार और फोन उपयोग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
घटना के बाद जेल की सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है।
मुख्य द्वार को बंद कर चौबीसों घंटे एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।
सुरक्षा बलों का कैंप जेल गेट के बाहर स्थापित किया गया है।
पुलिस अब सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी रख रही है।
मोबाइल फोन विवाद से खुला मामला
बताया गया कि जेल में बंद विनय कुमार सिंह ने अपने मोबाइल फोन से राज्य सरकार को जेल में खाने की खराब गुणवत्ता को लेकर संदेश भेजा था। इसके बाद यह सवाल उठे कि एक कैदी के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा। इस घटना ने पूरी जेल व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
जांच जारी
जेल आईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जेल प्रशासन से पूछा गया है कि इस तरह की सुविधाएं एक कैदी को कैसे दी जा सकती हैं।

