रांची | 4 दिसंबर 2025
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर BJP और JMM के संभावित गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। कई राजनीतिक विशेषज्ञ इसे अविश्वसनीय मान रहे हैं, लेकिन इतिहास बताता है कि दोनों दल दो बार मिलकर सरकार बना चुके हैं—और एक बार हेमंत सोरेन डिप्टी मुख्यमंत्री भी बने थे। इसलिए मौजूदा अटकलों को पूरी तरह खारिज करना आसान नहीं है।
दोनों पार्टियां पहले भी आ चुकी हैं साथ
झारखंड विधानसभा चुनाव 2009 में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। नतीजे इस प्रकार रहे:
BJP – 18 सीटें
JMM – 18 सीटें
कांग्रेस – 14 सीटें
JVM – 11 सीटें
बहुमत के अभाव में JMM के संस्थापक शिबू सोरेन ने BJP के साथ मिलकर सरकार बनाई।
हालांकि यह सरकार केवल कुछ महीनों तक ही चल सकी।
अंततः BJP ने समर्थन वापस ले लिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
दूसरी बार बना गठबंधन: हेमंत सोरेन बने डिप्टी CM
इसके बाद 2010 में BJP और JMM एक बार फिर साथ आए।
इस बार—
अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने
हेमंत सोरेन डिप्टी मुख्यमंत्री बनाए गए
यह सरकार लगभग ढाई साल चली, लेकिन अंततः JMM ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई।
दोनों गठबंधन क्यों टूटे?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटने की मुख्य वजहें थीं—
विचारधारा में बड़ा अंतर
विश्वास की कमी
नेतृत्व और लाभ बांटने को लेकर असहमति
राजनीतिक स्वार्थ और सत्ता समीकरण
दोनों बार गठबंधन इसी कारण स्थिर नहीं रह सका।
क्या इस बार BJP–JMM साथ आएंगे?
हालांकि दोनों दल विचारधारा के स्तर पर अलग-अलग राह चलते हैं, लेकिन झारखंड की राजनीति में समीकरण अक्सर अप्रत्याशित रहते हैं। इसलिए मौजूदा राजनीतिक हलचल को देखते हुए किसी भी संभावना को नकारना मुश्किल है।

