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Saturday, November 8, 2025

भाजपा का आरोप – कर्नाटक बना बिहार चुनाव का एटीएम!

 

कर्नाटक की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। सूत्रों के अनुसार, नवंबर में जब कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के ढाई साल पूरे करेगी, तब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक गलियारों में इस संभावित बदलाव को ‘नवंबर क्रांति’ का नाम दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। कहा जा रहा है कि यह बैठक मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, भाजपा ने इस मीटिंग को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए कांग्रेस पर राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने दावा किया कि कांग्रेस ने कर्नाटक को बिहार चुनाव का “एटीएम” बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने बिहार चुनाव में खर्च उठाने का जिम्मा लिया है और इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर पर चर्चा की जा चुकी है। अशोक ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र ने चुनावी उपयोग के लिए कथित तौर पर 40 किलो सोना बिहार भेजा, जिन्हें हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

कांग्रेस की सफाई

कांग्रेस के जिला प्रभारी मंत्री एन. चालूवरयस्वामी ने इन अटकलों को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की डिनर मीटिंग का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। उनके मुताबिक, “बिहार चुनाव के बाद कैबिनेट में बदलाव हो सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान ही करेगा।”

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी मंत्रिमंडल फेरबदल की खबरों को मीडिया अफवाह बताया। उन्होंने कहा, “कर्नाटक में कोई बदलाव नहीं हो रहा। अगर ऐसा कुछ होगा, तो इसकी घोषणा मैं या मुख्यमंत्री ही करेंगे।”

आंतरिक समीकरण और भविष्य की रणनीति

पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार के आधे कार्यकाल पूरे होने के बाद अपनी नेतृत्व क्षमता मजबूत करने की कोशिश में हैं। वहीं, डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

राज्य के राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता साझाकरण का एक अनौपचारिक समझौता हुआ था, जिसके तहत ढाई साल बाद नेतृत्व परिवर्तन संभव है।

इस बीच, कांग्रेस के कई विधायक मंत्रिमंडल में जगह पाने की उम्मीद कर रहे हैं। कुछ ने तो खुलकर मंत्री बनने की इच्छा भी व्यक्त की है। ऐसे में आने वाले दिनों में कर्नाटक की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।

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