दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहे ‘लैंड फॉर जॉब’ यानी जमीन के बदले नौकरी मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत ने 25 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सोमवार, 13 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।
कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट किया था कि सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना अनिवार्य है, इसलिए लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव रविवार को ही दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।
बिहार की सियासत पर टिकी निगाहें
यह फैसला लालू परिवार और बिहार की राजनीति—दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
अगर अदालत का निर्णय आरजेडी परिवार के पक्ष में आता है, तो यह महागठबंधन और तेजस्वी यादव के लिए राहत की बात होगी। लेकिन अगर फैसला प्रतिकूल रहा, तो विपक्ष, खासकर बीजेपी, इसे 2025 विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना सकता है।
तेजस्वी यादव ने एक बार फिर दोहराया है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और यह मामला “राजनीतिक बदले की भावना” से प्रेरित है।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ केस
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे।
सीबीआई के मुताबिक, उस समय रेलवे में नौकरियों के बदले उम्मीदवारों के परिवारों से जमीन ली गई थी।
जांच एजेंसी ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं।
राजनीतिक परीक्षा मानी जा रही है
विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकता है।
आरजेडी खेमे में जहां उम्मीद का माहौल है, वहीं विपक्ष फैसले के इंतजार में है।
13 अक्टूबर का दिन बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

