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Saturday, November 8, 2025

भारत के ‘त्रिशूल’ सैन्य अभ्यास से पाकिस्तान में बढ़ी हलचल, सिंध और पंजाब में हाई अलर्ट, वायुसेना-नौसेना स्टैंडबाय पर

 

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत की पश्चिमी सीमा पर होने वाले त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ को लेकर पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान के रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलने वाले इस बड़े संयुक्त अभ्यास के मद्देनज़र सिंध और पंजाब में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। साथ ही, पाकिस्तानी वायुसेना और नौसेना को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित आक्रामकता का तुरंत जवाब दिया जा सके।

‘त्रिशूल’ अभ्यास पर पाकिस्तान की नजर

भारत का यह सैन्य अभ्यास थलसेना, नौसेना और वायुसेना का संयुक्त ऑपरेशन होगा, जो मुख्य रूप से सर क्रीक–सिंध–कराची अक्ष पर केंद्रित है। यह वही क्षेत्र है जिसे पाकिस्तान अपनी दक्षिणी सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है। सूत्रों के अनुसार, भारत का यह अभ्यास थार रेगिस्तान और सर क्रीक क्षेत्र में होगा, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच दक्षिणी सीमा पर सामरिक तालमेल और तत्परता की जांच करना है।

पाकिस्तान ने बढ़ाई चौकसी

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने बहावलपुर स्ट्राइक कोर और कराची कोर को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

वहीं शोरकोट, बहावलपुर, रहीम यार खान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची जैसे हवाई ठिकानों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।

इसके अलावा, अरब सागर में नौसैनिक गश्त और निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं।

पाकिस्तान को समुद्री मार्गों की चिंता

पाकिस्तानी अधिकारियों को आशंका है कि भारत का यह अभ्यास उनके समुद्री व्यापारिक मार्गों पर निगरानी बढ़ाने या दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान का लगभग 70% व्यापार कराची बंदरगाह और बिन कासिम पोर्ट के जरिए होता है, जिससे ये क्षेत्र रणनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील माने जाते हैं।

भारतीय पक्ष का उद्देश्य – संयुक्त तैयारियों की जांच

भारतीय सैन्य सूत्रों के अनुसार, ‘त्रिशूल’ अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती और तटीय इलाकों में तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और आपसी तत्परता की समीक्षा करना है। यह एक रूटीन ऑपरेशनल एक्सरसाइज है, जिसमें आधुनिक हथियार प्रणालियों, संचार नेटवर्क और संयुक्त रणनीतिक प्रतिक्रिया की परीक्षा की जाएगी।

पाकिस्तान की ओर से इस अभ्यास पर नजर रखी जा रही है, जबकि भारत ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास किसी देश को लक्षित नहीं करता, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा तत्परता को सुदृढ़ करने का हिस्सा है।

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