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Monday, June 16, 2025

Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद हिंसा का बांग्लादेशी कनेक्शन, पिता-पुत्र की हत्या मामले में 2 गिरफ्तार

Murshidabad Violence: बांग्लादेशी कनेक्शन और पिता-पुत्र की हत्या में गिरफ्तारी, मालदा राहत शिविर में पीड़ितों की दर्दनाक दास्तां”

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होते नजर आ रहे हैं। हालांकि, इस हिंसा ने कई परिवारों की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार, हिंसा के दौरान पिता-पुत्र की हत्या करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता का भी संदेह जताया गया है, जिसे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट किया गया है।

हत्या के आरोपी दो भाई गिरफ्तार

मुर्शिदाबाद पुलिस ने हिंसा के दौरान हुई एक दिल दहला देने वाली घटना में पिता और पुत्र की हत्या के आरोप में दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम कालू नदाब और दिलदार नदाब बताए जा रहे हैं, जो जाफराबाद के निवासी हैं। इनमें से एक आरोपी को बांग्लादेश सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरा बीरभूम जिले से पकड़ा गया। दोनों आरोपी हिंसा के बाद से फरार चल रहे थे।

बांग्लादेशी कनेक्शन से खुली साजिश की परतें

प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी उपद्रवियों की भूमिका हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि कुछ हमलावरों की पहचान बांग्लादेशी नागरिकों के तौर पर हुई है, जो अवैध रूप से भारत में घुसे थे। इस संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

वक्फ कानून (Waqf Bill) के खिलाफ भड़की थी हिंसा

मुर्शिदाबाद के सुती, जंगीपुर, समसेरगंज और धूलियन जैसे मुस्लिम-बहुल इलाकों में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ Waqf Bill (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति बेकाबू हो गई थी। देखते ही देखते ये प्रदर्शन सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गए, जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया, दुकानों को लूटा गया और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं भी सामने आईं।

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पीड़ितों की दर्दभरी दास्तां

हिंसा के बाद सैकड़ों लोग भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले में शरण लेने को मजबूर हो गए। मालदा के राहत शिविरों में शरण लिए लालचंद मंडल ने बताया, “हमने अपना सब कुछ खो दिया है। घर जला दिए गए, संपत्ति लूट ली गई। अब बस सरकार से यही उम्मीद है कि शांति बहाल हो और हम अपने घर वापस लौट सकें।”

वहीं राहत शिविर में रह रहीं रूपा मंडल ने कहा, “चार दिन हो गए हैं यहां आए हुए। अचानक हमला हुआ, कुछ समझ नहीं आया। बीएसएफ (BSF) ने हमें सुरक्षित निकाला। अब मुआवजे की उम्मीद है ताकि फिर से कुछ शुरू कर सकें।”

प्रशासन और सुरक्षा बल सतर्क

राज्य प्रशासन और पुलिस बल अब पूरी तरह सतर्क है। मुर्शिदाबाद में अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। मालदा प्रशासन ने राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की है। साथ ही स्थानीय विधायक और स्वयंसेवी संगठन भी लगातार सहयोग कर रहे हैं।

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