रांची: झारखंड में बूथ लेवल एजेंट (BLA) की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक दलों की लापरवाही सामने आई है। राज्य के 18 जिलों में एक भी बीएलए की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने सभी राजनीतिक दलों को कड़ी फटकार लगाई है।
⚠️ सीईओ ने दी सख्त चेतावनी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी राजनीतिक दल तत्काल अपने बीएलए नियुक्त करें, अन्यथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बीएलए की नियुक्ति लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए आवश्यक है और इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
️ बीएलए की नियुक्ति क्यों है जरूरी
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के दौरान बीएलए की भूमिका बेहद अहम होती है। बीएलए ही बूथ स्तर पर मतदाता सूची की जांच, त्रुटियों की पहचान और सुधार प्रक्रिया में सहयोग करते हैं।
राजनीतिक दल अगर समय पर बीएलए नियुक्त नहीं करेंगे तो मतदाता सूची में त्रुटियों की संभावना बढ़ जाती है।
केवल 6 जिलों में हुई आंशिक नियुक्ति
जानकारी के अनुसार, राज्य के 24 जिलों में से केवल 6 जिलों में कुछ राजनीतिक दलों ने अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं।
हालांकि इन जिलों में भी सभी मतदान केंद्रों के लिए बीएलए नियुक्त नहीं हुए हैं।
कई दलों ने नहीं सौंपी सूची
आजसू, बसपा, आम आदमी पार्टी (AAP) और सीपीआई-एम जैसे दलों ने अब तक एक भी बीएलए की सूची आयोग को नहीं सौंपी है। इससे स्पष्ट है कि राज्य के बड़े हिस्से में राजनीतिक दल इस प्रक्रिया को लेकर उदासीनता दिखा रहे हैं।
चुनाव आयोग की अपील
चुनाव आयोग ने सभी दलों से अपील की है कि वे बीएलए की नियुक्ति को प्राथमिकता दें, ताकि आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम को पारदर्शी, निष्पक्ष और त्रुटिरहित बनाया जा सके।

