उत्तर प्रदेश| की योगी सरकार ने राज्य के नगर निगमों की सीमाओं को नए सिरे से तय करने का फैसला लिया है। अब शहरों को आबादी के आधार पर जोनों में बांटा जाएगा, जिससे प्रशासनिक कामकाज अधिक प्रभावी और व्यवस्थित हो सके।
सरकार के नए आदेश के तहत प्रयागराज, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद नगर निगमों में अब सिर्फ चार जोन ही रहेंगे। हर जोन की औसतन पांच लाख की आबादी तय की गई है।
प्रमुख सचिव ने जारी किया आदेश
प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग ने प्रयागराज सहित प्रदेश के 17 बड़े शहरों में जोनल कार्यालयों का पुनर्गठन करने का आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार, कुल 16 शहरों को 64 जोनों में बांटा जाएगा। शहरों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है —
20 लाख से अधिक आबादी वाले शहर:
प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, आगरा, वाराणसी और गाजियाबाद।
10 से 20 लाख आबादी वाले शहर:
सात प्रमुख शहर इस श्रेणी में रखे गए हैं।
10 लाख से कम आबादी वाले शहर:
चार शहर इस श्रेणी में शामिल हैं।
सभी श्रेणियों में जोन बनाने का एक समान आधार “पांच लाख की आबादी” रखा गया है।
प्रयागराज में 8 की जगह 4 जोन
प्रमुख सचिव के आदेश के बाद प्रयागराज नगर निगम में अब तक बने 8 जोनों को घटाकर 4 करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी और जनसंपर्क अधिकारी पी.के. मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आबादी के अनुपात में नए जोन तय किए जाएंगे।
गंगा और यमुना के दोनों किनारों पर फैले शहर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, जोन निर्धारण में थोड़ी जटिलता रहेगी, लेकिन आदेश के अनुसार हर जोन में लगभग 5 लाख की आबादी शामिल की जाएगी।
नए ढांचे में अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय
नए जोन बनने के बाद प्रत्येक जोन की कमान सहायक नगर आयुक्त स्तर के अधिकारी के पास होगी। इससे प्रशासनिक कार्यों की निगरानी, जनसुविधाओं की देखरेख और कर निर्धारण की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
निष्कर्ष:
योगी सरकार का यह कदम नगर निकायों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है। इससे न केवल जनसेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि शहरी विकास कार्यों में भी तेजी आएगी।

