रांची : झारखंड की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अपने सहयोगी दलों के साथ महागठबंधन की राजनीतिक समीक्षा करने का ऐलान किया है। यह कदम उस समय आया है जब बिहार चुनाव में JMM ने RJD और कांग्रेस पर राजनीतिक धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
सूत्रों के अनुसार, बिहार में सहयोगियों के रवैये से नाराज JMM अब झारखंड में भी गठबंधन की स्थिति को लेकर गंभीर मंथन कर रही है। इसी मुद्दे पर सत्तारूढ़ महागठबंधन के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
JMM के मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “JMM को राजनीतिक छल का शिकार बनाया गया है। जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर जवाब देगी।”
वहीं RJD के प्रदेश महासचिव कैलाश यादव ने कहा कि “गठबंधन में परिस्थितियां जटिल हैं, लेकिन सबकुछ बातचीत से सुलझाया जा सकता है।”
दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि “बड़े दलों को गठबंधन में ज्यादा जिम्मेदारी निभानी पड़ती है, इसलिए मतभेद होना स्वाभाविक है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि JMM के इस निर्णय से महागठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है। आने वाले समय में राज्य की राजनीति में बड़े फेरबदल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सकता।

