झारखंड: आस्था के महापर्व छठ पूजा के दौरान राज्यभर में कई दर्दनाक हादसे सामने आए हैं। पानी में डूबने से दो दिनों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, हादसे हजारीबाग, गढ़वा, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां और पलामू जिलों में हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि सोमवार को पांच बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं। रविवार को भी छह लोगों की डूबने से जान गई थी। हादसे छठ पूजा के दौरान अर्घ्य देने और नहाने के समय हुए।
हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बेला गांव में रविवार शाम दो बच्चियां, गुनगुन कुमारी (11) और रूपा तिवारी (12) तालाब में डूब गईं। परिजन और स्थानीय लोगों ने काफी कोशिश की, लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका।
गढ़वा जिले में सोमवार दोपहर दानरो नदी में नहाते समय 13 वर्षीय राहुल कुमार गहरे पानी में चला गया और डूब गया। उसे स्थानीय लोगों ने बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सिमडेगा जिले के बानो थाना क्षेत्र के मयंगसोर गांव में एक ढाई साल की बच्ची की घर में रखी पानी से भरी बाल्टी में डूबने से मौत हो गई। घटना के वक्त बच्ची की दादी दूसरे कमरे में थीं।
सरायकेला-खरसावां जिले के साहेरबेरा के पास सुवर्णरेखा नदी में सोमवार शाम एक 14 वर्षीय लड़का आर्यन यादव डूब गया। उसे बचाने के लिए प्रतीक कुमार यादव (19) और संजय सिंह (45) नदी में कूदे, लेकिन दोनों भी लापता हो गए। NDRF और स्थानीय गोताखोरों ने आर्यन का शव बरामद कर लिया, जबकि बाकी दोनों की तलाश जारी है।
पलामू जिले के बिष्णुपुर गांव में एक 16 वर्षीय किशोर नहर में कूदने के बाद से लापता है। पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया है।
रविवार को भी सिमडेगा में तीन बच्चों और पलामू जिले में तीन लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई थी।
इन घटनाओं ने पूरे राज्य में छठ पूजा की खुशियों को मातम में बदल दिया है। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पूजा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और बच्चों को घाटों या नदियों के किनारे अकेला न छोड़ें।

