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Saturday, November 8, 2025

क्या इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड? अक्तूबर में ही बर्फबारी, ला नीना के असर से मौसम विभाग की चेतावनी

 

नई दिल्ली: मानसून के समापन के साथ ही भारत में सर्दियों की दस्तक महसूस की जा रही है। अक्तूबर महीने में ही हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिससे सर्द हवाओं ने मैदानी इलाकों में भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार देश में ठंड का असर पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा तीव्र हो सकता है।

इसका मुख्य कारण “ला नीना” (La Niña) नामक जलवायु परिघटना मानी जा रही है, जिसका सीधा प्रभाव सर्दियों के तापमान पर पड़ सकता है।

️ क्या है ला नीना?

ला नीना एक प्राकृतिक समुद्री घटना है जो मुख्य रूप से प्रशांत महासागर में घटित होती है। यह शब्द स्पेनिश भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “छोटी बच्ची”। इस घटना के दौरान महासागर के ऊपरी सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है।

जब ट्रेड विंड्स (Trade Winds) यानी पूर्व से पश्चिम चलने वाली हवाएं तेज़ होती हैं, तो समुद्र का गर्म पानी पश्चिम दिशा में खिसक जाता है। इसके परिणामस्वरूप, पूर्वी प्रशांत क्षेत्र का पानी ठंडा हो जाता है। यह ठंडा समुद्री प्रभाव वैश्विक जलवायु प्रणाली को प्रभावित करता है और भारत सहित एशिया के कई हिस्सों में अधिक ठंडक और सूखा मौसम लेकर आता है।

️ भारत में असर

मौसम विभाग के अनुसार, ला नीना की स्थिति इस बार सर्दियों में भी बनी रहने की संभावना है, जिसके कारण उत्तर भारत में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है। इसका असर दिसंबर से लेकर फरवरी तक देखने को मिलेगा।

विशेष रूप से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य भारत के राज्यों में कोहरा, पाला और ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक चलने की संभावना जताई गई है।

मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों को सलाह दी है कि वे ठंड से बचाव के उपाय समय रहते शुरू कर दें और बुजुर्गों तथा बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

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