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Saturday, December 6, 2025

Jharkhand स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति, सरकारी अस्पतालों में निजी डॉक्टरों की तैनाती

Jharkhand के सरकारी अस्पतालों में क्रांति: स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक सुधार की ओर बढ़ता राज्य

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में Jharkhand का स्वास्थ्य विभाग अब एक नई ऊँचाई की ओर बढ़ रहा है। बीते छह महीनों में राज्य ने स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखे हैं, जिससे झारखंड अब राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर राज्य को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि झारखंड सरकार जनता की मूलभूत जरूरतों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

सदर अस्पतालों में सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं शुरू

झारखंड सरकार ने पहली बार यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी। इसका उद्देश्य है सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिस्ट सुविधाएं उपलब्ध कराना, ताकि आमजन को बेहतर इलाज बिना किसी अतिरिक्त लागत के मिल सके।

रांची सदर अस्पताल इसका प्रमुख उदाहरण बन चुका है, जहां न्यूरो, कार्डियोलॉजी और अन्य ओपीडी सेवाएं सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। इस अस्पताल में 2 करोड़ रुपये का इंसेंटिव बजट रखा गया है, ताकि निजी डॉक्टरों को भी प्रोत्साहन मिल सके और सरकारी डॉक्टरों के लिए भी प्रेरणा बने।

डॉक्टरों की बहाली और संसाधनों का विस्तार

स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में 126 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की है और आगे 144 और डॉक्टरों की बहाली प्रस्तावित है। सभी सदर अस्पतालों को बेहतर बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पतालों को सीटी स्कैन मशीन, आवश्यक दवाइयां और अन्य आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

सरकार ने अस्पताल प्रशासन को यह छूट दी है कि वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सीधे प्रस्ताव भेजें, जिन्हें तुरंत स्वीकृत किया जाएगा। यह एक व्यवस्थित और जवाबदेह हेल्थ सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

आयुष्मान भारत योजना में झारखंड की मजबूत पकड़

झारखंड आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरे देश में टॉप कर रहा है। सिर्फ रांची सदर अस्पताल की बात करें तो वहां 3 महीने में ही 14.5 करोड़ रुपये का इलाज किया गया है। जबकि पिछले पूरे वर्ष की तुलना में इस वर्ष 26 करोड़ रुपये तक की सुविधा दी जा चुकी है, जो पिछले साल के 19 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।

वर्तमान में राज्य में 2 लाख से अधिक लोगों को स्मार्ट कार्ड के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। इससे आम जनता को सीधे लाभ मिल रहा है और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है।

सदर अस्पताल बना राज्य का नंबर वन अस्पताल

सभी सदर अस्पतालों में समन्वय और क्षमताओं को बढ़ाने की योजना पर कार्य हो रहा है। रांची का सदर अस्पताल राज्य का पहला और एकमात्र सरकारी अस्पताल है जो सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं देता है। इसके अलावा राज्य के अन्य सदस्य अस्पतालों में भी 100 से अधिक डॉक्टरों को तैनात किया गया है, जिनमें से 25 डॉक्टर केवल रांची में ही कार्यरत हैं

सरकार की सोच – गांव तक मजबूत स्वास्थ्य ढांचा

मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत खुद मुख्यमंत्री जन प्रतिनिधियों और जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। गांवों के ‘किले’ यानी स्वास्थ्य उपकेंद्रों को मजबूत किया जा रहा है ताकि अंतिम व्यक्ति तक बेहतर इलाज पहुंचे।


निष्कर्ष:

झारखंड अब केवल कोयले और खनिज के लिए नहीं, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी पहचाना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है – हर नागरिक तक समर्पित और सुलभ इलाज पहुंचाना। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में यह जो क्रांति आई है, वह आने वाले वर्षों में झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में लाकर खड़ा कर सकती है।

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