Deoghar Accident: झारखंड के देवघर जिले में मंगलवार सुबह एक भयावह सड़क हादसा हुआ, जिसने श्रावणी मेले की रौनक को गहरे मातम में बदल दिया। यह हादसा देवघर-बासुकीनाथ मुख्य सड़क पर मोहनपुर थाना क्षेत्र के जमुनिया चौक के पास सुबह लगभग 7:15 बजे हुआ। हादसे में 18 कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब बिहार से कांवड़ियों को लेकर आ रही एक प्राइवेट बस की सीधी टक्कर सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक से हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। टक्कर के बाद चीख-पुकार मच गई और आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। क्षतिग्रस्त बस में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस को जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू कर दिया गया। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए तुरंत देवघर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मौके से शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया गया ताकि यातायात बहाल हो सके।
मरने वाले सभी कांवड़िये बिहार के बेतिया और गया जिलों के रहने वाले बताए जा रहे हैं। ये सभी बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक के लिए आ रहे थे। बताया जा रहा है कि बस में करीब 50 कांवड़िये सवार थे, जो सावन के महीने में हर साल बाबा की पूजा करने देवघर पहुंचते हैं। घायलों की पहचान की जा रही है और उनके परिजनों को सूचना दी जा रही है।
श्रावणी मेला के दौरान देवघर और बासुकीनाथ के बीच की सड़क पर भारी भीड़ और वाहनों की आवाजाही रहती है। बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा के बाद अधिकांश श्रद्धालु बासुकीनाथ धाम भी जाते हैं, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक दबाव काफी बढ़ जाता है। ऐसे में कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी होती रही हैं, लेकिन इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
प्रशासन की ओर से इस घटना को गंभीरता से लिया गया है। देवघर एसपी और डीसी खुद घटनास्थल और अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। घायल कांवड़ियों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए मेडिकल टीम को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा, हादसे की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है जो यह पता लगाएगी कि दुर्घटना लापरवाही के कारण हुई या वाहन की तकनीकी खराबी वजह बनी।
इस दुखद घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। बाबा धाम की ओर आने वाले अन्य श्रद्धालुओं में भी भय का माहौल देखा गया। मृतकों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन ने मुआवजे की घोषणा भी की है।
श्रावणी मेले के बीच हुई इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से अपील की है कि तीर्थ मार्गों पर वाहनों की गति सीमित की जाए, और सावन जैसे भीड़भाड़ वाले समय में ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।
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