12.6 C
Jharkhand
Saturday, December 6, 2025

Asarfi Hospital के कर्मचारियों की गुंडागर्दी, ऑटो चालक से मारपीट, 5000 नकद व वॉलेट चोरी का आरोप!

धनबाद: झारखंड के धनबाद में अशर्फी अस्पताल ( Asarfi Hospital ) के कर्मचारियों पर गुंडागर्दी और चोरी का गंभीर आरोप लगा है। झरिया निवासी एक ऑटो चालक मुकेश कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने पहले उनके ऑटो पर जबरन पोस्टर चिपकाने की कोशिश की, विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की, और उनका वॉलेट भी चुरा लिया।

इस घटना के बाद स्थानीय ऑटो चालकों और झारखंड परिवहन मजदूर यूनियन के बीच आक्रोश फैल गया है।

 

ऑटो चालक की आपबीती: मारपीट और दस्तावेजों की चोरी

पीड़ित मुकेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार दोपहर वह श्रमिक चौक स्थित ऑटो स्टैंड पर सवारी का इंतजार कर रहे थे, तभी अशर्फी अस्पताल के 4-5 कर्मचारी वहां पहुंचे और उनके ऑटो पर जबरदस्ती अस्पताल का प्रचार पोस्टर चिपकाने लगे।

जब मुकेश ने इसका विरोध किया, तो कर्मचारियों ने उसे घेर लिया और बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट के दौरान उनका वॉलेट भी चोरी हो गया, जिसमें

  • ₹5000 नकद

  • ड्राइविंग लाइसेंस

  • आधार कार्ड

  • पैन कार्ड

  • वोटर ID जैसे ज़रूरी दस्तावेज मौजूद थे।

“गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे” – परिवहन यूनियन अध्यक्ष

इस घटना के बाद झारखंड परिवहन मजदूर यूनियन राज्य कमेटी के अध्यक्ष सुनील पासवान ने प्रेस से बात करते हुए कहा:

“बिना अनुमति के किसी भी वाहन पर पोस्टर लगाना गैरकानूनी है। अशर्फी अस्पताल के कर्मचारियों ने जबरन पोस्टर लगाने की कोशिश की, और विरोध करने पर मारपीट की – यह पूर्णतः आपराधिक कृत्य है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो यूनियन आंदोलन की राह पर उतरेगी

स्थानीय लोग भी नाराज़, पुलिस जांच शुरू

घटना के बाद श्रमिक चौक इलाके में तनाव का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने भी अस्पताल प्रशासन के रवैये की आलोचना की और कहा कि “किसी अस्पताल का प्रचार जबरन मारपीट करके नहीं किया जा सकता।”

धनबाद पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

अस्पताल का प्रचार या दबाव?

यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या निजी अस्पताल प्रचार के नाम पर लोगों पर दबाव बनाकर नियमों को ताक पर रख रहे हैं? क्या प्रचार के नाम पर ऑटो चालकों को निशाना बनाना एक नया चलन बनता जा रहा है?

अगर प्रशासन ने इसपर सख्ती नहीं दिखाई, तो भविष्य में ऐसे और भी मामले सामने आ सकते हैं, जो सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं।

Also Read: 1 नाम बदला, 100 सवाल खड़े: Atal Clinic विवाद पर BJP का हमला

संबंधित स्टोरीज़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ट्रेंडिंग न्यूज़