बोकारो। जिला खनिज न्यास (DMFT) परिषद की बैठक शनिवार को उस समय विवादों में घिर गई, जब गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और मद्य निषेध मंत्री योगेन्द्र प्रसाद महतो के बीच तीखी बहस हो गई। सांसद ने पूर्व उपायुक्त पर डीएमएफटी फंड में वित्तीय अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया, जबकि मंत्री ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया।
बैठक के दौरान सांसद ने आरोप लगाया कि योजनाओं के चयन से लेकर क्रियान्वयन तक कई स्तरों पर गड़बड़ी की गई। उन्होंने कहा कि बिना CCL की NOC के कार्य कराए गए, कुछ योजनाओं का दो बार भुगतान हुआ और एक लाख रुपये की फोटो कॉपी के मामले जैसी गंभीर लापरवाहियां सामने आई हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कई योजनाओं का पूरा ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया।
मंत्री योगेन्द्र प्रसाद महतो ने इन आरोपों का सख्त खंडन करते हुए कहा कि बिना साक्ष्य किसी अधिकारी पर आरोप लगाना शासन व्यवस्था को बदनाम करने जैसा है। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोप से पहले ठोस प्रमाण पेश किए जाने चाहिए और निराधार बयानबाजी से बैठक की सार्थकता प्रभावित होती है।
बैठक में उपस्थित विधायकों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई और निष्पक्ष जांच की मांग की। कई मुखिया और जनप्रतिनिधियों ने भी शिकायत की कि योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन में स्थानीय प्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दिया जाता, जबकि ग्रामसभा से योजनाएँ उन्हीं के माध्यम से पारित होती हैं।
विधायक कुमार जयमंगल और जयराम महतो ने कहा कि जब मामला हाईकोर्ट और एसीबी जांच के अधीन है, तब बिना प्रमाण आरोप लगाना उचित नहीं। वहीं विधायक उमाकांत रजक ने आश्वस्त किया कि आगे सभी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और गाइडलाइनों का सख्ती से पालन होगा।
पूरे विवाद के बीच बैठक का माहौल काफी तनावपूर्ण रहा और DMFT फंड की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल उठ खड़े हुए।

